मनुष्य के चेहरे पर जो भाव उसकी आँखों के द्वारा प्रकट होते हैं, वे उसके मन की अनुकृति होते हैं. उन्हें देवता भी नहीं छुपा सकते. चाणक्य
"The expressions on the face of man by his eyes appear to have a clone of his mind. Even Gods can not hide them. Chanakya"
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